हालत कुछ ऐसे हैं मेरे, कि शब्दों मे बयाँ नहीं होते। हालत कुछ ऐसे हैं मेरे, कि शब्दों मे बयाँ नहीं होते।
खुद, इन्सान से बेजान चीज़ बन जाने का, ये कैसा पागलपन ? खुद, इन्सान से बेजान चीज़ बन जाने का, ये कैसा पागलपन ?
सर ए तूर हो सर ए हश्र हो हमे इंतजार कबूल है वोह कभी मिले वोह कहीं मिले वोह कभी सही । सर ए तूर हो सर ए हश्र हो हमे इंतजार कबूल है वोह कभी मिले वोह कहीं मिले वोह क...
हम तीन भाई, दो मुझसे बड़े, मैं तीनों में, सबसे छोटा। हम तीन भाई, दो मुझसे बड़े, मैं तीनों में, सबसे छोटा।
ज़ाया ही जाती रही ज़िन्दगी की जद्दोज़हद ना नींद ही पूरी ली कभी, ना ख्वाब ही पूरे कर ज़ाया ही जाती रही ज़िन्दगी की जद्दोज़हद ना नींद ही पूरी ली कभी, ना ख्वाब ही...
नये साल को शुभकामना के साथ स्वीकारना होगा। नये साल को शुभकामना के साथ स्वीकारना होगा।